
शुरुवाती दौर – कहानी
नमस्ते कैसे है आप सभी। यह कहानी हमारे टॉम एन जैरि फैमिली की है। यह कहानी कोई काल्पनिक नहीं है। मुझे बचपन से डॉग के प्रति बहुत प्यार था। आप कह सकते है सिर्फ डॉग नहीं मुझे और भी बहुत से जानवर पसंद है। जब मैं स्कूल में था तो मेरे पास एक इंडियन देसी ब्रीड का डॉग था । शायद मैं UKG में था। जब मम्मी मुझे स्कूल में लेने आया करती थी तो वह भी कई बार आजाया करता था और गार्ड से छुप के वह मेरी क्लास के गेट पर आजाता था। बाद में कुछ टाइम बाद वह मर गया था मुझे उसका पक्का कारण तो नहीं पता। शायद कुछ खाने से या कुछ और कारण से। उसके कुछ टाइम बाद हम एक और देसी डॉग लेके आए वह काले रंग का था। वो भी बहुत टाइम तक हमारे पास रहा।
फोरेन ब्रीड में आना – कहानी
उसके बाद हम लोगो के पास फौरन ब्रीड के डॉग देखते तो हमारा मन भी करता की हमारे पास भी ऐसा डॉग हो। मुझे आज भी याद है मैंने और मेरे भाइयो ने 1-2 रुपया भी इकठे करने शुरू करदिये। जो भी घर से पैसे मिलते उन्हें इकठा करना शुरू करदिया। हमे पैसे इकठे करने में शायद दो महीने लगे थे। उसके बाद हम एक जर्मन शेफर्ड फीमेल डॉग लेके आए क्योंकि फीमेल डॉग कम पैसो में आती है। कुछ टाइम बाद ही पापा ने हमे लैब्राडोर फीमेल दिलाई। उसके लिए हमे पैसे नहीं जोड़ने पड़े। तो वह भी हमारे साथ बहुत समय तक रही। 7-8 साल बाद वह मर गयी। और हमारी जर्मन शेफर्ड को किसी ने चोरी करलिया। यह कुछ ऐसा टाइम जो काफी बेकार रहा। लेकिन हमारा डॉग के प्रति प्यार खत्म नहीं हुआ।
डॉग ब्रीडिंग की शुरवात – कहानी
बाद में भी कई डॉग्स रखे कभी पार्क से उठा लाये कभी खरीद के। अब तक मैं अपना डिप्लोमा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से पूरा कर चुका था। और उसमे मेरी परसेंटेज भी काफी अच्छी थी मैंने फर्स्ट डिविज़न से डिप्लोमा किया। बाद में कुछ टाइम तक मैंने काफी अच्छी कंपनी में जॉब की लेकिन मेरा मन था। मैं अपने पैशन को ही करियर बनाऊ तो मैंने सोचा डॉग ब्रीडिंग शुरू करने की। तो मैंने धीरे-धीरे इससे रिलेटेड चीजे सीखनी शुरू करदी। मैंने डॉग्स लाने शुरू किये। यह कहानी में बहुत से लोगो का बहुत ज्यादा महत्व है।
हमारे रूल
लेकिन इन्ही सभी चीजों के चलते मैंने यह भी सोचा की डॉग सिर्फ उन्हें ही दूंगा जो उसकी वैल्यू करे। उसे सिर्फ खिलौना ना समझे उसे एक फैमिली मेंबर की तरह ट्रीट करे। इसे आप हमारा रूल कहे या जानवरो से प्यार।कोई हमसे डॉग लेता भी है तो हम पहले उसे यही बोलते है की आप इसे कभी अलग मत करना । और अच्छे से देख-भाल करे। क्योकि हम इन्हे किसी प्रोडक्ट की तरह नहीं देते। इन्हे एक फैमिली मेंबर की तरह देते है। यह सफर अभी थोड़ा लम्बा है इसमें और भी कई लोग है जो मुझे बहुत सपोर्ट करते है। आप सभी का सपोर्ट रहा तो एक दिन जरुर कामयाबी मिलेगी क्योकि हमने यह सिर्फ डॉग्स ब्रीडिंग तक नहीं सोचा और भी बहुत सी चीजें है जो हासिल करनी है।अगर आप भी एक डॉग लेते है। तो उसे कभी अलग ना करे।
वेबसाइट की जानकारी
हमारी यह वेबसाइट डॉग्स केयर और डॉग ब्रीड इनफार्मेशन के लिए है किस ब्रीड का कैसा स्वभाव होता है। किस ब्रीड को रखने के लिए कितनी जगह चाहिये। ऐसी सभी जानकारी हमने आपको वेबसाइट पर दी हुई है।
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